Resistor क्या है?
Resistor एक passive एलिमेंट है इसका इस्तमाल electronic सर्किट्स में किया जाता है. passive का मतलब ऐसा डिवाइस जो पॉवर को सिर्फ consume कर सकता है यह device कभी पॉवर को जनरेट या फिर डिलीवर नहीं कर सकता.रेसिस्टर पॉवर को हीट के फॉर्म में dissipate करता है.इसका मूल काम होता करंट के बहाव को रोकना.रेसिस्टर की जीतनी ज्यादा वैल्यू होगी उतना ये करंट को फ्लो होने से रोकेगा. अगर वैल्यू कम होगी तो ये उतना करंट के बहाव को कम रोकेगा. अगर हमें करंट और वोल्टेज की वैल्यू पता होगी तो हम रेसिस्टर की वैल्यू निकाल सकते है.
👉R=V/I
ऐसे ही हम वोल्टेज और करंट की वैल्यू भी निकल सकते है.
👉V=I R (Ohms Law)
👉I=(V/R)
अब हम देखते है रेसिस्टर में जो energy dissipate होती है उसे कैसे कैलकुलेट करेगें.
अगर हमे रेजिस्टेंस और करंट पता होगा तो👇
👉P=(I^2 R)
अगर हमे रेजिस्टेंस और वोल्टेज पता होगा तो👇
👉P=(V^2 / R)
Resistor को क्यूँ इस्तमाल करते है
आपने इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट्स में देखा होगा बहोत सारे रेसिस्टर कनेक्ट किये हुए होते है और उस सर्किट में LEDs और लोड devices कनेक्ट किये होते है तो हर device की करंट रेटिंग सेम नहीं होती मतलब सबको सेम करंट की जरुरत नहीं होती अगर कोई स्माल करंट रेटिंग का होगा तो उसे कम करंट लगेगा और कोई ज्यादा करंट का होगा तो उसको ज्यादा करंट लगेगा, लेकीन बैटरी या फिर कोई दूसरा सोर्स device तो सेम करंट ट्रांसमिट करता है इसीलिए जिन device को जीतनी करंट की जरुरत होगी उतना करंट रेसिस्टर को इस्तमाल करके करंट को कम करके फिर device को दिया जाता है.
Resistor के types
Fixed Resistor
फिक्स्ड रेसिस्टर मतलब इस रेसिस्टर की वैल्यू में हम बदलाव नहीं कर सकते, अगर रेसिस्टर समाजो 100K ओहम का है तो हम उसके वैल्यू में बदलाव नहीं कर सकते लेकीन tempereature के कारण रेसिस्टर में थोड़े बहोत बदलाव हो सकते है.
- कार्बन कम्पोजीशन रेसिस्टर
- थिक फिल्म रेसिस्टर
- वायर वाउंड रेसिस्टर
Variable Resistor
वेरिएबल रेसिस्टर मतलब इस रेसिस्टर के वैल्यू में हम बदलाव कर सकते है. अगर समाजो वेरिएबल रेसिस्टर की वैल्यू 200K ओहम है लेकिन हमे बस 150K ओहम की जरुरत है तो हम वैल्यू को कम कर सकते है.
- पोटेनशियोमीटर
- रिओस्टेट
- ट्रिमर्स
Non-Linear Resistors
- थर्मीस्टर
- वरिअस्टर
- फोटोरेसिस्टर
Resistor की value कैसे निकाले?
अभी हम 270K ओहम रेसिस्टर को example के तौर पर लेते है समजने के लिए. समाजो यह एक फोर बैंड रेसिस्टर है ,इसमे पहिला कलर है रेड(RED), दूसरा कलर है वोइलेट(VOILET), तीसरा कलर है येलो(YELLOW) और चौथा कलर है गोल्ड(GOLD).तो जो पहिला और दुसरे नंबर के बैंड होते है उनके वैल्यूज की addition या फिर multiplication नहीं करते है, बस उनको एक साथ लिखते है.अभी जो तीसरा बैंड होता है वो मल्टीप्लायर होता है मतलब उससे हम पहले नंबर और दुसरे नंबर को multiply करते है अब जो चौथे नंबर पर बैंड होता है उसे हम tolerance बैंड कहते है इस बैंड को हम plus(+) minus(-) का सिम्बल्स देके लिखते है.आप निचे दिया हुआ चार्ट देखकर समज सकते है.
लेकीन एक बात ध्यान में रखिये पांच और छह बैंड के रेसिस्टर में मल्टीप्लायर बैंड चौथे नंबर पर होता है, पांचवे नंबर पर tolerance बैंड होता है और छहवे नंबर पर tempereature coefficient बैंड होता है.
Resistors in Series
अब समाजो दो रेसिस्टर R1 और R2 सीरीज में कनेक्ट है औ उनका हमे equivalent रेजिस्टेंस निकालना है मतलब उन दोनों रेसिस्टोर्स के वैल्यूज को एक ही वैल्यू में कन्वर्ट करना है.तो क्या करना है उनको बस add करना है जैसे एक example लेते है R1 की वैल्यू 100K ओहम और R2 की वैल्यू भी 100K ओहम है तो उनका equivalent रेजिस्टेंस 200K अयेगा.
R=R1+R2=100+100=200K
Resistors in Parallel
यहाँ पर भी दो रेसिस्टर का example लेते है.समाजो R1 की वैल्यू है 10K और R2 की वैल्यू है 10K ओहम और इसका हमे equivalent रेजिस्टेंस निकलना है.
1/R=1/R1 + 1/R2
R=(R1*R2)/(R1+R2)=(10*10)/(10+10)
R=100/20=5K ओहम
आप ऊपर दिए गए फोर्मुले को आसानी से समाज सकते है, numerator में आपको उन दो वैल्यूज को multiply करना है, और denomerator में आपको दो वैल्यूज को add करना है, वैसे ही ज्यादा दिए गये वैल्यूज का equivalent निकलना है.
आपने electronic सर्किट देखा होगा उसमे बहोत सारे रेसिस्टोर्स सीरीज में और पैरेलल में कनेक्ट होते है.तो उनका भी आप equivalent रेजिस्टेंस निकाल सकते है.अगर दो रेसिस्टरस सीरीज में है और उनके पैरेलल में और एक रेसिस्टर है तो पाहिले आप उन सीरीज रेसिस्टर को add करो सुर रेजिस्टेंस निकालो बाद में पैरेलल कॉम्बिनेशन का equi valent रेजिस्टेंस निकालो.
Voltage Division Rule
वोल्टेज डिवीज़न रूल सीरीज सर्किट के लिए इस्तमाल किया जाता है मतलब अगर दो रेसिस्टोर्स R1 और R2 सीरीज में कनेक्ट होंगे तो हम VDR इस्तमाल करते है. पैरेलल में हम वोल्टेज डिवीज़न रूल इस्तमाल नहीं कर सकते क्यूँ की पैरेलल में R1 और R2 के अक्रॉस वोल्टेज सेम होता है तो हम वोल्टेज को devide नहीं कर सकते आप निचे दिए गए फोर्मुले के सहारे समज सकते है.अगर आपको सीरीज सर्किट में R1 के अक्रॉस में वोल्टेज निकलना है तो क्या करिए वोल्टेज सोर्स होगा उसको लिखिए और जिसके अक्रॉस में वोल्टेज निकलना है उसको multiply कीजिये और बादमे जो वैल्यू आएगी उसको उसको रेसिस्टोर्स को add करके divide कीजिये.
VR1=(Vs*R1)/(R1+R2)
eg. R1=5, R2=5 , Vs=10V
VR1=(10*5)/(5+5)=(50/10)
VR1=5V
अगर R1 के अक्रॉस 5v है तो R2 अक्रॉस 5v होगा क्यूँ की रेसिस्टोर्स की वैल्यूज सेम है,अगर रेसिस्टोर्स की वैल्यूज अलग होगी तो दोनों आक्रोस अलग अलग वोल्टेज मिलेगा.
Current Division Rule
यह रूल पैरेलल सर्किट के लिए इस्तमाल किया जाता है मतलब R1 और R2 पैरेलल में कनेक्ट होंगे तब.हम इस रूल को सीरीज सर्किट में अप्लाई नहीं कर सकते क्यूँ की सीरीज सर्किट में फ्लो होने वाला करंट सेम होता है मतलब R1 मे से जितना करंट जायेगा उतना ही करंट R2 में से भी जायेगा.अब आप को R1 में से फ्लो होने वाला करंट निकलना है तो क्या कीजिये सोर्स का जितना करंट होगा उसको लिखिए बाद में जिस रेसिस्टर में से फ्लो होने वाला करंट निकलना है उसे मत लिखिए जो दूसरा रेसिस्टर है उसके वैल्यू को लिखिए और जो वैल्यू आएगी उससे रेसिस्टोर्स को add करके आये हुए वैल्यू को divide कीजिये.
IR1=(I*R2)/(R1+R2)
eg.R1=3, R2=2,I=5A
IR1=(5*2)/( 3+2)=10/5=2A
IR2=(I*R1)/(R1+R2)
IR2=(5*3)/(3+2)=15/5=3A
Resistor को बनाने के लिए किन मैटेरियल्स का इस्तमाल किया जाता है?
रेसिस्टर बनाने के लिए ऐसे मैटेरियल्स का इस्तमाल किया जाता है जिसकी conductivity बहोत ही कम होती है.
- Manganin(मेगनिन)
- Tungsten (टंगस्टन)
- Bronze (ब्रोंज)
- Nichrome( निक्रोम)
Resistor एनर्जी को स्टोर कर सकता है या नहीं?
यह एलिमेंट एनर्जी को स्टोर नहीं कर सकता, रेसिस्टर एनर्जी को सिर्फ हीट के फॉर्म में dissipate कर सकता है.
Resistor और Resistance में क्या अंतर है?
रेसिस्टर एक फिजिकल कॉम्पोनेन्ट है और इसकी वैल्यू फिक्स या फिर वेरिएबल होती है.इसका इस्तमाल करंट को रोकने के लिए किया जाता है मतलब जो कंडक्टर में से करंट का बहाव होता है उसे रोकने के लिए किया जाता है.यह device इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में इस्तमाल किया जाता है.हमने सुरुवात में देखा था resistor क्या है? उसमे कुछ पॉइंट्स बताये थे और इसमे कुछ पॉइंट्स बताये है तो कंफ्यूज मत होना.
रेजिस्टेंस एक मटेरियल प्रॉपर्टी है मतलब यह कोई डिवाइस नहीं होता. आपने बहोत बार देखा होगा कंडक्टर या फिर इंसुलेटर का रेजिस्टेंस निकला जाता है और सब जो मटेरियल है उनका भी हम रेजिस्टेंस निकाल सकते है.अब देखिये जो कंडक्टर्स होते है उनमे ज्यादातर कॉपर या फिर एल्युमीनियम का इस्तमाल किया जाता है क्यूँ की इन मैटेरियल्स का रेजिस्टेंस बहोत कम होता है मतलब ये करंट के बहाव को बहोत कम रोकते है और अगर बात करे इंसुलेटर की तो उनका रेजिस्टेंस बहोत ज्यादा होया है इसीलिए वो करंट के बहाव को ज्यादा रोकते है.
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👉which bulb will glow brighter( कोनसा बल्ब ज्यादा ग्लो करेगा)
इस पोस्ट में resistor क्या है? resistor कैसे कम करता है? और सीरीज एंड पैरेलल कनेक्शन के बारे में बताया है.अगर आपको ये पोस्ट अछि लगी तो कमेंट में जरुर लिखिए और कोई सुजाव होगा तो भी लिखिए ||धन्यवाद🙏||
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