Transformer kya hai?what is transformer in Hindi


What is a Transformer?

इस पोस्ट में हम देखने वाले है ट्रांसफार्मर क्या है? और कैसे काम करता है.अगर आप electrical engineer हो या फिर electrician,फिटर हो  तो आपको ट्रांसफार्मर के बारे में जानना बोहोत ही जरुरी है क्यूंकि पॉवर जनरेट होती है वहासे लोड तक पॉवर ट्रांसमिशन तो हम कर सकते है लेकिन ट्रांसफार्मर के बिना हम पॉवर को कम ज्यादा नहीं कर सकते और पॉवर को कम ज्यादा करने का काम ट्रांसफार्मर करता है.अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढोगे तो आपको जो टाइप्स होते है ट्रांसफार्मर के उन्हें समजने में आसानी होगी क्यूंकि ट्रांसफार्मर को हम जिस काम  के लिए इस्तमाल करते है  वैसे उसके कंस्ट्रक्शन में बदलाव करते है  उसका  basic principle सेम ही रहेगा ट्रांसफार्मर के प्रकार पर आलरेडी पोस्ट लिखी हुई है तो आप क्लिक करके पढ़ सकते है.


डेफीनेशन(definition)

Transformer एक स्थिर यंत्र(machine) है मतलब इसमे कोई भी घुमाने वाला(rotational) पार्ट नहीं होता, winding और core के बिच में किसी भी तरह मूवमेंट(movement) नहीं होती अब एक बात ध्यान में रखिये हम यहाँ पर फिजिकल पार्टस की बात कर रहे इसके अन्दर फ्लक्स चेंज  होता है लेकिन वो फिजिकल पार्ट नहीं है. ये electrical पॉवर को एक सर्किट से दुसरे सर्किट तक भेजता है लेकिन एलेक्ट्र्कल कनेक्शन के बिना मतलब दोनों सर्किट एक दुसरे से कनेक्ट नहीं होते भलेही वो एक ही core पर होते है.पॉवर ट्रांसमिट होती फ्लक्स(flux) के मदत से.ये एक ऐसा device है जो पॉवर(power) और फ्रीक्वेंसी(frequency) को चेंज   नहीं करता मतलब इनपुट में जीतनी फ्रीक्वेंसी और पॉवर  होगी उतनी ही आउटपुट में मिलती है.

अब जानते फ्रीक्वेंसी सेम  क्यूँ होती है क्यूंकि ट्रांसफार्मर के दोनों सर्किट के बिच में कोई भी  रिलेटिव मोशन(motion) नहीं होती. अगर पॉवर की बात करे तो पॉवर में भी कोई बदलाव नहीं आता क्यूंकि सेकेंडरी सर्किट में अगर वोल्टेज बढ़ता है तो करंट कम होता अगर प्राइमरी सर्किट से कम्पेर करे तो वैसे ही अगर वोल्टेज कम होता है तो करंट बढ़ता है.एक बात हमेशा याद रखिये ओह्म्स लॉ (ohms law) magnetically coupled सर्किट मतलब ट्रांसफार्मर पर  लागु नहीं होता क्यूंकि ओह्म्स लॉ में  अगर वोल्टेज बढ़ता है तो करंट भी बढ़ता है.


स्टेप अप और स्टेप डाउन 

 अगर सेकेंडरी सर्किट का वोल्टेज प्राइमरी सर्किट से ज्यादा होगा है तो उसे हम step up ट्रांसफार्मर कहते है  और स्टेप अप transformer में सेकेंडरी सर्किट में turns  ज्यादा होते प्राइमरी सर्किट से.अगर सेकेंडरी सर्किट का वोल्टेज प्राइमरी सर्किट से कम होगा तो उसे हम step down ट्रांसफार्मर कहते है और इसके secondary सर्किट में नंबर ऑफ turns कम होते है प्राइमरी सर्किट से. जब इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करते है 11kv,33kv में तो स्टेप अप  ट्रांसफार्मर का इस्तमाल वोल्टेज को 132kv,220kv,400kv,765kv तक बढ़ने के लिए होता है और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर को 66kv,33 kv ,11kv,440v तक कम करने के लिए किया जाता है.


TRANSFORMER DC पर work क्यूँ नहीं करता?

DC मतलब डायरेक्ट करंट और DC अपनी दिशा कभी बदलता नहीं ये बात ध्यान में रखिये, जब हम ट्रांसफार्मर को सप्लाई देते है तब फ्लक्स जनरेट होते है लेकिन फ्लक्स टाइम के साथ बदलते नहीं constant रहते है. अगर फ्लक्स कांस्तात है और सेकेंडरी सर्किट की वाइनडिंग भी घूम नहीं रही तो emf induced नहीं होगा क्यूंकि faradays law बोलता है की emf  induced होने के लिए एक तो फ्लक्स का बदलना जरुरी है या फिर वाइनडिंग का घुमाना जरुरी है लेकिन यहाँ पर फ्लक्स भी बदल नहीं रहे और वाइनडिंग भी घूम नहीं रही इसीलिए ट्रांसफार्मर DC पर वर्क नहीं करता और एक बात DC की फ्रीक्वेंसी zero होती है और induced emf होता है वो फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर होता है, फ्रीक्वेंसी zero मतलब induced emf zero ये भी एक कारण है.

कंस्ट्रक्शन(construction)

👉शेल टाइप(shell type)

शेल टाइप कोर में तिन limb और दो yoke होते है. इसका core E और I स्टम्पिंग के मदत से बनाया जाता है, जब core पर winding wound करते है तो पहले प्राइमरी winding wound करते है और उसके ऊपर सेकेंडरी winding wound करते है.


 👉कोर टाइप(core type)

कोर टाइप में दो limb और दो yoke होते है. इसका core L स्टम्पिंग से बनाया जाता है.core टाइप ट्रांसफार्मर में फ्लक्स को फ्लो होने के लिए एक ही रास्ता होता है.


टेस्ट(tests)

ट्रांसफार्मर में दो टाइप के टेस्ट परफॉर्म किये जाते है open सर्किट टेस्ट और शोर्ट सर्किट टेस्ट. इन टेस्ट को परफॉर्म किया जाता ट्रांसफार्मर की एफिशिएंसी और रेगुलेशन चेक करने के लिए.

👉ओपन सर्किट(open circuit)

 ओपन सर्किट टेस्ट में ट्रांसफार्मर को लोड नहीं कनेक्ट करते है और टेस्ट परफॉर्म करके इनपुट पॉवर,नो लोड पॉवर फैक्टर, magnetizing करंट और नो लोड करंट को नापते हैं.

👉शोर्ट सर्किट(short circuit)

 शोर्ट सर्किट टेस्ट में ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी टर्मिनल को कॉपर वायर से शोर्ट करते है.इस टेस्ट के मदत रेजिस्टेंस,रेअक्टांस.और इम्पेडंस नापा जाता है.


लोस्सेस (losses)

👉आयरन लोस 

👉कॉपर लोस 

👉stray लोस

👉dielectric लोस 


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