CT और PT क्या है?
करंट ट्रांसफार्मर और वोल्टेज ट्रांसफार्मर ये दोनों इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर है. instrument transformer क्या है?. जिस ट्रांसफार्मर के मदत से हाई वोल्टेज और हाई करेंट measure करते है उसे हम instrument ट्रांसफार्मर करते है.
INSTRUMENT TRANSFORMERS की NEED क्यूँ है?
अगर हम इलेक्ट्रॉनिक की बात करे तो, इलेक्ट्रॉनिक मे जो DEVICES होते है उनकी RATING उतनी हाई नहीं होती, मतलब VOLTAGE, CURRENT, POWER बहोत कम होती है, हमारे पास जो स्माल रेटिंग के MEASURING इक्विपमेंट होते है उनके मदत से हम VOLTAGE या फिर CURRENT को MEASURE कर सकते है, लेकिन जब बात आती है इलेक्ट्रिकल की तो हम इलेक्ट्रिकल में LOW VOLTAGE जैसे की 230V,440V को स्माल रेटिंग के इंस्ट्रूमेंट के मदत से हम MEASURE कर सकते है, लेकिन सब जगह लो वोल्टेज नहीं होता है, तो हम उस हाई करंट और हाई वोल्टेज को डायरेक्टली MEASURING इक्विपमेंट्स कनेक्ट करके वोल्टेज को MEASURE नहीं कर सकते. तो ये हाई करंट और हाई वोल्टेज को हम MEASURE कर सकते है INSTRUMENT ट्रांसफार्मर के मदत्त से.
INSTRUMENT TRANSFORMERS के फायदे क्या है?
वोल्टेज ट्रांसफार्मर हाई वोल्टेज को 110V तक कम करत है और करंट ट्रांसफार्मर करंट को 5A तक कम करता है इसके बजसे हमारे ऊईंण्ट्श्र सेफ रहते है मतल डैमेज होने से बचते है.
INSTRUMENT TRANSFORMER के मदत से MEASURING इक्विपमेंट को हम ट्रांसमिशन लाइन्स से दूर रख सकते है इसीलिए जो ओपेरटोर होता है उसे बहोत ही आसानी होती है रीडिंग्स नोट करने में.
CURRENT TRANSFORMER
करंट ट्रांसफार्मर एक स्टेप अप ट्रांसफार्मर होता है ,अब आप सोचेंगे कैसे,तो देखिये स्टेप अप ट्रांसफार्मर में क्या होता है सेकेंडरी का वोल्टेज होता है मतलब आउटपुट वोल्टेज वो इनपुट वोल्टेज से ज्यादा होता है,लेकिन आउटपुट करंट होता है वो इनपुट करंट से कम होता है.
CT के प्राइमरी वा इ न डिंग के टर्मिनल्स ट्रांसमिशन लाइन के सीरीज में कनेक्ट करते है ,इसके बजसे जब ट्रांसमिशन लाइन्स में से करंट फ्लो होगा तो वह करंट ट्रांसफार्मर के वाइनडिंग में से भी फ्लो होगा और उस करंट के बजसे फ्लक्स जनरेट होंगे और वो फ्लक्स CORE में ट्रेवल होंगे,फ्लक्स के कारण सेकेंडरी में EMF(ELECTROMOTIVE FORCE) INDUCED होगा और उसमे से भी करंट फ्लो होने लगेगा, वाही करंट हम अम्मीटर के मदत से MEASURE करते है.
CURRENT TRANSFORMER की सेकेंडरी open क्यूँ नहीं रखते?
CT की सेकेंडरी कभी ओपन नहीं रखते क्यूंकि यह एक स्टेप अप ट्रांसफार्मर है,और जब ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी में अम्मीटर कनेक्ट नहीं होगा तो करंट zero होगा लेकिन सेकेंडरी वाइनडिंग में बहोत ही ज्यादा emf induced होगा लेकिन करंट फ्लो न होने के वजसे फ्लक्स जनरेट नहीं होगे और प्राइमरी फ्लक्स को कोई APPOSITION न होने के कारण फ्लक्स बहोत ही बढ़ेंगे और open टर्मिनल के अक्रोस हाई वोल्टेज मिलेगा,इसीलिए सेकेंडरी कभी ओपन नहीं रखते,अमीटर कनेक्ट न होने पर टर्मिनल्स शोर्ट करके रखते है.
VOLTAGE TRANSFORMER
वोल्टेज ट्रांसफार्मर को पोटेंशियल ट्रांसफार्मर भी बोलते है. वोल्टेज ट्रांसफार्मर का इस्तमाल हाई वोल्टेज को measure करने के लिए किया जाता है यह एक स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर है,मतलब आउटपुट वोल्टेज कम होता है इनपुट वोल्टेज से.अगर कंस्ट्रक्शन की बात करे तो जो NORMAL TRANSFORMERS में कोर USE करते है वही core USE करते है, इसके प्राइमरी वा इ न डिंग में ज्यादा turns होते है और सेकेंडरी वा इ न डिंग में कम turns होते है.
ट्रांसमिशन लाइन्स थ्री फेज थ्री वायर्स या फिर थ्री फेज फोर वायर्स होती है, तो क्या किया जाता है PT को ट्रांसमिशन लाइन्स के पैरेलल में कनेक्ट करते है मतलब जो फेजेस होते है R,Y,B तो PT का एक टर्मिनल R को कनेक्ट करते है और दूसरा टर्मिनल Y को कनेक्ट करते है और सेकेंडरी में स्माल रेटिंग का VOLTMETER कनेक्ट करके वोल्टेज को MEASURE किया जाता है.
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इस पोस्ट में INSTRUMENT TRANSFORMERS के बारे में पूरा बेसिक लिखा है अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी तो जरुर लिखे और कोई सुजाव है तो भी लिखे ||धन्यवाद🙏||
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