What is Electrical Chopper?
इलेक्ट्रिकल चॉपर क्या है?
इलेक्ट्रिकल चॉपर एक हाई स्पीड ओन ऑफ सेमीकंडक्टर (semiconductor) स्विच (switch) है,यह फिक्स्ड (fixed) डायरेक्ट करंट (direct current) को परिवर्तनीय (variable) डायरेक्ट करंट में बदल देता है.फिक्स्ड DC मतलब जिसके वोल्टेज में कोई बदलाव नहीं कर सकते, परिवर्तनीय DC मतलब जिसके वोल्टेज में बदलाव कर सकते है.
चॉपर को फिक्स्ड DC सप्लाई और लोड के बिच में कनेक्ट किया जाता है, यह सप्लाई वोल्टेज को स्विच के मदत से जादा स्पीड में बंद चालू करता है इसीलिए आउटपुट में DC सप्लाई में बदलाव मिलते है.यह स्विच एक ट्रांसफार्मर के तरह है, ट्रांसफार्मर इनपुट AC वोल्टेज को स्टेप अप या फिर स्टेप डाउन करता है मतलब AC वोल्टेज को कम या फिर ज्यादा करता है, वैसे ही इलेक्ट्रिकल चॉपर DC वोल्टेज को स्टेप अप या फिर स्टेप डाउन करता है.
What is the Need of Electrical Chopper?
इलेक्ट्रिकल चॉपर की जरुरत क्यूँ है?
रेक्टिफायर या फिर बैटरी के मदत से बहोत सारे इलेक्ट्रिकल उपकरणों को चलाया जाता है, लेकिन बहोत सारे ऐसे उपकरण है वह परिवर्तनिय (variable) पर चलते है या फिर परिवर्तनिय DC पर अछेसे काम करते है.रेक्टिफायर और बैटरी का आउटपुट फिक्स्ड DC होने के कारण हम डायरेक्टली रेक्टिफायर या फिर बैटरीज का आउटपुट लोड को कनेक्ट नहीं कर सकते इसीलिए चॉपर का इस्तमाल किया जाता है.
समाजो हमारे पास 12V DC सप्लाई या फिर 24V DC सप्लाई उपलब्ध (available) है लेकिन लोड को 120V DC की जरुरत है, तो उस 24V DC को चॉपर के मदत 120VDC तक बढाया जाता है और बाद में लोड को दिया जाता है.
Block Diagram of Chopper (चॉपर का खंड आरेख)
AC Link Chopper (AC लिंक चॉपर)
इस चॉपर में इन्वर्टर (inverter), ट्रांसफार्मर (transformer) और रेक्टिफायर (rectifier) की जरुरत होती है. इनपुट DC सप्लाई को पहले इन्वर्टर को देना पड़ता है, इन्वर्टर DC सप्लाई को AC सप्लाई में बदल करता है.इस स्टेज में AC सप्लाई को ट्रांसफार्मर के मदत से स्टेप अप या फिर स्टेप डाउन किया जाता है, बादमे AC को फिर से DC में कन्वर्ट किया जाता है. इस चॉपर की कॉस्ट जादा होने के कारण और एफिशिएंसी बभी कम होने के कारण ज्यादातर AC लिंक चॉपर इस्तमाल नहीं किया जाता है.
DC Chopper (DC चॉपर)
DC चॉपर में इन्वर्टर,ट्रांसफार्मर और रेक्टिफायर की जरुरत नहीं पड़ती है, इसमे सिर्फ इंडक्टर,कैपासिटर,डायोड और स्विच (SCR, MOSFET) की जरुरत पड़ती है. इन्ही चार कोम्पोनेट को इस्तमाल करके स्टेप अप, स्टेप डाउन, स्टेप अप - स्टेप डाउन चॉपर बनाये जाते है. इंडक्टर आउटपुट करंट में जो रिप्पल होता है उसे कम करत है, मतलब करंट हार्मोनिक को कम करता है. और कैपासिटर आउटपुट वोल्टेज में जो रिप्पल होता है उसे कम करता है, मतलब वोल्टेज हार्मोनिक कको कम करता है.
Types of Chopper (चॉपर के प्रकार)
Step Down Chopper (Buck Converter)
स्टेप डाउन चॉपर का आउटपुट वोल्टेज इनपुट वोल्टेज से हमेशा कम होता है.जब स्विच को ओन करते है तब इंडक्टर चार्ज होता है और कैपासिटर भी चार्ज होता है लेकिन डायोड रिवर्स बायस्ड होने के कारण वह ऑफ ही रहता है.ओन स्टेट में लोड के अक्रॉस में इनपुट dc वोल्टेज मिलता है लेकिन जब स्विच को ऑफ कोय जाता है तब इंडक्टर ने स्टोर की हुए एनर्जी लोड को देता है और वह डिस्चार्ज होता है.यह संभव है डायोड होने के कारण इसीलिए इस डायोड को फ्रीव्हीलिंग डायोड भी कहते है.
Step Up Chopper (Boost Converter)
Step Up-Sep Down Chopper (Buck-Boost Converter)
Application of Chopper ( चॉपर के उपयोग)
- चॉपर का इस्तमाल सबवे कार्स (subway cars), ट्राली बसेस (trolley buses), ट्राली कार्स (trolley cars) में किया जाता है.
- बैटरी ओपेरेटेड वेहिकल्स में और बैटरी चार्जिंग के लिए भी किया जाता है.
- DC मोटर का स्पीड कंट्रोल करने के लिए चॉपर का इस्तमाल किया जाता है.
- स्विच मोड़ पॉवर सप्लाई में
- सोलर पॉवर कनवर्टर में
- इन्वर्टर को इनपुट देने के लिए चॉपर का इस्तमाल किया जाता है.
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