What is an Inverter? इन्वर्टर क्या है?
इन्वर्टर एक पॉवर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, यह डायरेक्ट करंट (DC) को अलटरनेटिंग करंट बदल देता है. इन्वर्टर को AC लोड और DC के बिच में कनेक्ट किया जाता है, AC लोड जैसे की पंखा (fan), बल्ब, टूब लाइट. इन्वर्टर को इनपुट रेक्टिफायर या फिर बैटरी की मदत से दिया जाता है.
Block Diagram of Inverter (इन्वर्टर का खंड आरेख)
अभी अछेसे समजने के लिए हमारे घर में जो इन्वर्टर इस्तमाल किया जाता है उस इन्वर्टर का उदाहरण लेते है.
पहले रेक्टिफायर को 230V AC दिया जाता है, रेक्टिफायर AC को DC में बदल देता है. वह DC बैटरी को चार्ज करने के लिए जाता है. जब बिजली होती है तब बैटरी चार्ज हो जाती है लेकिन जब बिजली नहीं होती है तब बैटरी स्टोर्ड की हुई एनर्जी इन्वर्टर को देना सुरुवात करता है. इन्वर्टर DC को AC में कन्वर्ट करता है, लेकिन वह AC का वोल्टेज बहोत कम होता है इसीलिए स्टेप अप ट्रांसफार्मर का इस्तमाल करके वोल्टेज को बढाया जाता है 230V तक.
What is the Need of Inverter?
(इन्वर्टर की जरुरत क्यूँ है?)
बहोत बार इलेक्ट्रिकल एनर्जी को कही कारणों के कारण बंद किया जाता है, यह प्रॉब्लम शहरों में कम होता है लेकिन गांवो में ज्यादा होता है. हमारे घर में, इंडस्ट्रीज में,शोपस में,स्कूल्स में,कॉलेजेस में,जो उपकरण होते जैसे बल्ब्स,मिक्सर,फ्रिज,TV,फैन,एयर कंडीशनर,कंप्यूटर वह AC पर कम करते है.
बिजली न होने के कारण हम AC जेनेरटर का इस्तमाल करके इलेक्ट्रिसिटी को जेनेरेट तो कर सकते है लेकिन क्या यह सबके लिए संभव है, तो इसका आसान सा जवाब है नहीं.लेकिन जब बिजली होती है, तब हम इलेक्ट्रिकल एनर्जी को स्टोर्ड तो कर सकते है, लेकिन फिर एक प्रॉब्लम आता है की हम AC को स्टोर्ड करके नहीं रख सकते.तो जब बिजली होती है तब उस AC इलेक्ट्रिकल एनर्जी को रेक्टिफायर का इस्तमाल करके बैटरी में स्टोर्ड किया जाता है. अब उस 12V DC को इन्वर्टर के मदत से 230V, 50 HZ में बदल दिया जाता है. लेकिन इन्वर्टर कितनी पॉवर दे पायेगा, कितनी देर तक यह चल सकता है, यह सब बैटरी और इन्वर्टर के सर्किट पर निर्भर है.
Working of Inverter (इन्वर्टर कैसे वर्क करता है?)
DC का परिमाण (magnitude) स्थिर (constant) होता है, मतलब यह अपनी दिशा (direction) कभी बदलता नहीं. और DC की फ्रीक्वेंसी भी झिरो होती है,लेकिन हमें आउटपुट में AC वोल्टेज भी चाहिये और 50 Hz or 60 Hz फ्रीक्वेंसी भी चाहिये. निचे दिए हुए डायग्राम हाफ ब्रिज इन्वर्टर (half bridge inverter) और फुल ब्रिज इन्वर्टर (full bridge inverter) के आसान डायग्राम है, लेकिन वास्तविक में और भी कोम्पोनेनेट का इस्तमाल किया जाता है.
कम (low) और मध्यम (medium) पॉवर आउटपुट के लिए BJTs, MOSFET,IGBT,GTO इन स्वित्चेस का इस्तमाल किया जाता है और उच्च पॉवर आउटपुट के लिए थाइरीस्टर (thyrister) का इस्तमाल किया जाता है.
Half Bridge Inverter (हाफ ब्रिज इन्वर्टर)
पॉजिटिव साइकिल के लिए स्विच 1 ओन होता है और नेगेटिव साइकिल के लिए स्विच 2 ओन होता है.
Full Bridge Inverter (फुल ब्रिज इन्वर्टर)
पॉजिटिव साइकिल के लिए स्विच 1 और स्विच 2 ओन होते है, नेगेटिव साइकिल के लिए स्विच 3 और स्विच 4 ओन होते है.
दोनों ब्रिज में हमने एक देखा लोड को एक पॉजिटिव और नेगेटिव नेगेटिव साइकिल मिल जाती है. अगर बस इतना ही करना होता तो हम एक बार लोड का पॉजिटिव टर्मिनल बैटरी के पॉजिटिव को कनेक्ट करते और नेगेटिव टर्मिनल बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल को कनेक्ट करते तो पॉजिटिव साइकिल मिल जाएगी और दूसरी बार लोड का पॉजिटिव टर्मिनल बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से और लोड का नेगेटिव टर्मिनल बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से कनेक्ट करते तो लोड को नेगेटिव साइकिल मिल जाएगी मतलब दोनों मिलाकर एक कम्पलीट साइन वेव (sine wave) मिल जाएगी.
लेकिन लोड को 50Hz फ्रीक्वेंसी की भी जरुरत होती है मतलब एक सेकंड में लोड को पचास साइकिल की जरुरत होती है. तो क्या हम ये हात से कर सकते है, संभव ही नहीं है. इन्वर्टर AC वोल्टेज जेनेरेट करता है और एक सेकंद में पचास sine wave भी जेनेरेट करता है. इन्वर्टर का आउटपुट pure sine wave नहीं होता squre वेव होता बादमे उस वेव साइन वेव में कन्वर्ट किया जाता है.
How to select the inverter for our home appliances
(अपने घर के उपकरणों को चलाने के लिए इन्वर्टर को कैसे सेलेक्ट करे?)
स्टेप 1
पहिले आपके घर में जितने उपकरण है उन्हें लिखिए और वह कितने watt के है वह भी लिखिए. हम अभी तीन फैन, पांच टुब लाइट और एक TV का उदाहरण लेते है.
3 fan (80W)=3*80=240W
5 tube light (40)=5*40=200W
1 TV (100W)=1*100=100W
टोटल लोड=240+200+100=540W
स्टेप 2
अभी 540 W को 25% सेफ्टी फैक्टर (safety factor) से गुणा कीजिये क्यूंकि जब बिजली जाती है तब यह उपकरण एकसाथ चालू होते है, फैन जब स्टार्ट होता है तो उसे सुरुवात में मैगनेटायजिंग करंट (magnetising current) की जरुरत होती है, आसान भाषा में समजे तो फैन को सुरुवात में ज्यादा करंट की जरुरत होती है.
540W का 25% 135 होता है, तो दोनों (540W+135W=675W) को मिलाकर टोटल 675 W होता है. इसके बाद 675W को पॉवर फैक्टर से डिवाइड कीजिए, उदाहरण के लिए समजो पॉवर फैक्टर 0.85 है, जब हम 675W को 0.85 pf से डिवाइड (675/0.85=795W) जवाब मिलेगा.
अब 795W को इन्वर्टर के एफिशिएंसी से गुणा करना पडेगा, एफिशिएंसी मतलब आउटपुट/इनपुट. अगर एफिशिएंसी ज्यादा है मतलब बहोत ही कम एनर्जी का लोस हो रहा है इन्वर्टर के अंदर. अगर एफिशिएंसी कम है मतलब ज्यादा एनर्जी का लोस हो रहा है इन्वर्टर के अंदर और अगर एफिशिएंसी 100% है मतलब किसी भी तरह का लोस नहीं हो रहा है इन्वर्टर के अंदर. समजो इन्वर्टर की एफिशिएंसी 95%, अब 795W को 95% से डिवाइड कीजिये.
watt=795/0.95=836 W
हमें घर के उपकरणों को चलाने के लिए इन्वर्टर लगेगा वह 836W का लगेगा लेकिन मार्किट में फिक्स watt के इन्वर्टर मिलते है. तो 836W से जो बड़ा watt का इन्वर्टर होगा वह लगेगा.
स्टेप 3
अभी हम देखते है कितने Ah की बैटरी लगेगी इन्वर्टर के लिए, Ah निकालने के लिए एक फार्मूला है.
Battery (Ah)=(Total Watt * Running Time)/Battery Voltage
Total Watt=लोड्स का टोटल wattage 836W है.
Running Time or Backup Time=समजो हमें 2 घंटे का back up चाहिये मतलब बिजली जाने के बाद हमें उपकरणों को 2 घंटे तक चलाना है.
Battery Voltage=12V DC
Battery (Ah)=(836*2)/12=140 Ah
हम 836W के लिए अगर 12 V की बैटरी इस्तमाल करते है तो 140 Ah की जरुरत होगी और अगर 24V की बैटरी या फिर दूसरा कोई 24V DC सोर्स इस्तमाल करते है तो 70 Ah की जरुरत होगी.
Applications of Inverter (इन्वर्टर के उपयोग)
- इन्वर्टर का इस्तमाल UPS (uninterruptible power supply) में किया जाता है.
- HVDC पॉवर ट्रांसमिशन लाइन में DC को AC में कन्वर्ट करने के लिए इन्वर्टर का इस्तमाल किया जाता है.
- सोलर में इन्वर्टर का इस्तमाल किया जाता है.
- AC मोटर्स का स्पीड कंट्रोल करने के लिए भी इन्वर्टर का इस्तमाल किया जाता है.
Difference Between Inverter and Rectifier
(इन्वर्टर और रेक्टिफायर में क्या अंतर है?)
इन्वर्टर DC को AC में बदल देता है और रेक्टिफायर AC को DC में बदल देता है.
यह भी पढ़े👇
इस पोस्ट में हमने देखा what is an inverter, what is the need of inverter, a block diagram of an inverter, working of an inverter, half-bridge inverter,full-bridge inverter, how to select inverter for our home appliances, applications of inverter.अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो कमेंट में जरुर लिखिए और अगर सुजाव होगा तो भी लिखिए ||धन्यवाद🙏||
0 टिप्पणियाँ