Synchronous Generator in hindi
(सिंक्रोनस जनरेटर हिंदी में)
इलेक्ट्रिकल एनर्जी को जनरेटर्स के मदत से
हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट (Hydroelectric
Power plant), थर्मल पॉवर प्लांट (Thermal Power Plant), नुक्लेअर पॉवर प्लांट (Nuclear
Power Plant) में जेनेरेट किया जाता है. इलेक्ट्रिकल एनर्जी
का जनरेशन हमेशा 11kv, 33kv, अल्टरनेटिंग करंट (AC) में किया जाता है. अल्टरनेटिंग
करंट (AC) को जेनेरेट करने के लिए इंडक्शन जनरेटर्स भी इस्तमाल कर सकते है लेकिन
सिंक्रोनस जनरेटर इंडक्शन जनरेटर से बेहतर होने के कारण सभी पॉवर प्लांट्स में
सिंक्रोनस जनरेटर का इस्तमाल किया जाता है. सिंक्रोनस जनरेटर को अल्टरनेटर भी कहते है.
What is Synchronous
Generator
(सिंक्रोनस जनरेटर क्या है?)
सिंक्रोनस जनरेटर इलेक्ट्रोमैकेनिकल मशीन है, मतलब
यह मैकेनिकल एनर्जी को अल्टरनेटिंग करंट में कन्वर्ट करती है. सिंक्रोनस जनरेटर
में स्टेटर पर फील्ड वाइंडिंग रखकर रोटर पर आर्मेचर वाइंडिंग रखी जाती है या फिर
स्टेटर पर आर्मेचर वाइंडिंग रखकर रोटर पर फील्ड वाइंडिंग रखी जाती है. रोटर पर
फील्ड वाइंडिंग को रखने के बहोत फायदे है इसीलिए हमेशा स्टेटर पर आर्मेचर वाइंडिंग
को रखा जाता है और रोटर पर फील्ड वाइंडिंग को रखा जाता है. सिंक्रोनस जनरेटर हमेशा
थ्री फेज होता है, क्यूंकि पॉवर को थ्री फेज में जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन
करने के फायदे है.
Basic Principle of Synchronous Generator
(सिंक्रोनस जनरेटर का मूल सिद्धांत)
सिंक्रोनस जनरेटर फेराडेज लॉ ऑफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक
इंडक्शन पर काम करता है. अगर स्टेशनरी मैग्नेटिक फील्ड में कंडक्टर को घुमाया जाये
तो कंडक्टर में EMF इनडुस होता है और अगर कंडक्टर को स्टेशनरी रखकर मैग्नेटिक फ़ील्ड्स
को कंडक्टर के आजूबाजू घुमाया जाये तो भी कंडक्टर में EMF इनडूस होता है.
Construction of Synchronous Generator
(सिंक्रोनस जनरेटर का निर्माण)
STATOR (स्टेटर)
यह जनरेटर का स्टेशनरी पार्ट है, मतलब यह कभी
घूमता नहीं है. स्टेटर पर आर्मेचर वाइंडिंग या फिर फील्ड वाइंडिंग को भी रख सकते
है, लेकिन स्टेटर पर जादातर आर्मेचर वाइंडिंग को रखा जाता है और सिंगल फेज या फिर
थ्री फेज इलेक्ट्रिकल एनर्जी को लिया जाता है. स्टेटर को बनाने के लिए सिलिकॉन
स्टील से बनाई हुई पतली पतली लैमिनेट की हुई स्टेम्पिंग का इस्तमाल किया जाता है. स्टेम्पिंग
की साइज़ 0.5 mm तक होती है. सिलिकॉन स्टील और उन्हें लेमीनेशन करने से स्टेटर के
अंदर होने वाले लोस्सेस कम होते है. स्टेटर के अंदर के सतह पर स्लोट्स बनाये जाते
है और उन स्लोट्स में कॉपर से बनाई हुई वाइंडिंग को डाला जाता है. स्टेटर के बाहरी
सतह पर स्क्रू लगाकर योक को फिट किया होता है, अगर कंस्ट्रक्शन क्लोज्ड टाइप होता
है.
ROTOR (रोटर)
यह जनरेटर का रोटेटिंग पार्ट है, मतलब यह घूमता
है. रोटर पर आर्मेचर वाइंडिंग को भी रख सकते है लेकिन अभी सभी सिंक्रोनस जनरेटर्स में
रोटर पर फील्ड वाइंडिंग को रखा जाता है. रोटर को भी बनाने के लिए सिलिकॉन स्टील से
बनाई हुई स्टेम्पिंग का इस्तमाल किया जाता है. सिंक्रोनस जनरेटर में इस्तमाल किये
जाने वाले रोटर के दो प्रकार है, सैलीयंट पोल रोटर (Salient Pole Rotor) और नॉन- सैलीयंट पोल रोटर (Non
Salient Pole Rotor).
सैलीयंट पोल रोटर (Salient Pole Rotor)
सैलीयंट पोल रोटर के बाहरी सतह पर पोल
होते है. इस रोटर का व्यास ज्यादा होता है और लम्बाई कम होती है. व्यास जादा होने
के कारण रोटर पर छे से लेके चालीस तक पोल होते है. अगर स्टेटर और रोटर के बिच के
एयर गैप की बात करे तो एयर गैप नॉन यूनिफार्म होता है, मतलब दो पोल के बिच का अंतर
और स्टेटर के बिच का अन्तर जादा होता है, और पोल के सेंटर और स्टेटर के बिच का
अंतर कम होता है. इस रोटर का व्यास जादा होने के इसे लो स्पीड से घुमाया जाता है.
नॉन- सैलीयंट पोल रोटर (Non Salient Pole Rotor).
इस रोटर का व्यास कम होता है लेकिन लम्बाई जादा
होती है. स्टेटर और रोटर के बिच का अंतर यूनिफार्म होता है मतलब एक समान होता है.
इलेक्ट्रिकल एनर्जी को जेनेरेट करने के लिए इस रोटर को हाई स्पीड से भी घुमाया
जाता है.
एक्सायटर (Exciter)
रोटर पर फील्ड वाइंडिंग होती है, उस वाइंडिंग को
DC सप्लाई डे कर DC मैग्नेटिक फील्ड को जेनेरेट किया जाता है. DC सप्लाई के लिए DC
शंट जनरेटर या फिर कंपाउंड जनरेटर का इस्तमाल किया जाता है.
Working of Synchronous Generator
(वर्किंग ऑफ सिंक्रोनस जनरेटर)
जनरेटर के शाफ्ट को प्राइममूवर्स से जोड़ते है
मतलब वाटर टरबाइन, स्टीम टरबाइन या फिर डीजल टरबाइन जोड़ते है और स्टेटर पर रखी हुई
आर्मेचर वाइंडिंग से इलेक्ट्रिकल सप्लाई को लिया जाता है. रोटर पर DC मैग्नेटिक
फील्ड को जेनेरेट किया जाता है और बादमे प्राइममूवर के मादा से रोटर को घुमाया
जाता है. जब फील्ड घुमती है तब आर्मेचर कंडक्टर्स के कारण फ्लक्स कट हो जाते है और
कंडक्टर में EMF इनडूस होता है.
EMF EQUATION (EMF समीकरण)
E=4.44* f* Φ* T Volts
Φ= फ्लक्स पर पोल (Webers)
f=फ्रीक्वेंसी (Hz)
T=टर्नस पर फेज
समीकरण देखकर हम समज सकते है अगर फ्रीक्वेंसी,
फ्लक्स और टर्नस को बढाया जाये तो इनडूस EMF भी बढ़ जायेगा.
Synchronous Speed Formula
(सिंक्रोनस गति सूत्र)
Ns=(120F)/P r.p.m
Ns=सिंक्रोनस स्पीड (r.p.m)
F=फ्रीक्वेंसी (Hz)
P= पोल्स
r.p.m= रेवोलुशन पर मिनट
सिंक्रोनस स्पीड फ्रीक्वेंसी के सीधे आनुपातिक (Directly Proportional) है मतलब फ्रीक्वेंसी को बढाया तो स्पीड बढेगा और अगर फ्रीक्वेंसी को कम किया
तो स्पीड कम होगा. सिंक्रोनस स्पीड पोल्स के व्युत्क्रमानुपाती आनुपातिक (Inversely
Proportional) है, मतलब पोल्स
बढ़ाएंगे तो स्पीड कम होगा और पोल्स कम करेंगे तो स्पीड बढेगा. पोल्स हमेशा इवन
नंबर (2,4,6,...) में होते है.
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