Electrical Corona Effect in Hindi
हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन में चार प्रकार के इफेक्ट्स होते है कोरोना इफ़ेक्ट, फेरंटी इफ़ेक्ट, स्किन इफ़ेक्ट, प्रोक्सीमिटी इफ़ेक्ट. इस पोस्ट में हम कोरोना इफ़ेक्ट (लोस) के बारे में देखने वाले है. जब ट्रांसमिशन लाइन का वोल्टेज 30kv के ऊपर होता है तब यह इफ़ेक्ट ट्रांसमिशन लाइन्स में देखने को मिलता है.
What is Electrical Corona Effect (इलेक्ट्रिकल कोरोना इफ़ेक्ट क्या है?)
जब ट्रांसमिशन लाइन का वोल्टेज बहोत ज्यादा होता है तब पॉवर कंडक्टर की आजूबाजु की एयर आयोनाइज होना सुरुवात होती है इसके कारण हिस्सिंग साउंड तयार होती है, ओजोन गैस तयार होता है और कंडक्टर के आजूबाजु वोइलेट कलर दिखाई देना सुरुवात होता है.
Why Electrical Corona Effect is produced in Transmission Line (ट्रांसमिशन लाइन में कोरोना इफ़ेक्ट क्यूँ होता है?)
ट्रांसमिशन लाइन में दो कंडक्टर के बिच में एयर होती है और वह एयर इंसुलेटर की तरह काम करती है लेकिन एयर में रेडियोएक्टिविटी के कारण पहलेसे ही फ्री इलेक्ट्रॉन्स होते है. जब दो कंडक्टर्स के बिच का पोटेंशियल डिफरेंस जादा होता है तब दोनों कंडक्टर के आजूबाजु पोटेंशियल ग्रेडिएंट होना सुरुवात होती है. इसके कारण फ्री इलेक्ट्रॉन्स की वेलोसिटी बढती है और एयर में जो मॉलिक्यूल होते वह इलेक्ट्रॉन्स के कारण कम होना सुरुवात होती है और एयर आयोनाइज होना सुरुवात होती है. जब इलेक्ट्रिक फील्ड की इंटेंसिटी जादा होती एयर की डायइलेक्ट्रिक स्ट्रेंग्थ से तभी ट्रांसमिशन लाइन में कोरोना लोस होता है.
Important Terms (महत्वपूर्ण परिभाषाएँ)
- Critical
Disruptive Voltage (क्रिटिकल डिसरपटिव वोल्टेज)
ट्रांसमिशन लाइन जिस वोल्टेज लेवल पर कोरोना लोस होना सुरुवात होती है, उस वोल्टेज को क्रिटिकल डिसरपटिव वोल्टेज कहते है.
- Visual Critical
Voltage (विसुअल क्रिटिकल वोल्टेज)
जिस वोल्टेज लेवल पर कंडक्टर के आजूबाजु वोइलेट कलर तयार होना सुरुवात होती है और वह वायलेट कलर हम देखा सकते उस वोल्टेज को विसुअल क्रिटिकल वोल्टेज कहते है.
Factors Affecting Electrical Corona Loss
(इलेक्ट्रिकल कोरोना लोस को प्रभावित करने वाले तत्व)
- Effect of Line
Voltage (लाइन वोल्टेज का प्रभाव)
जब ट्रांसमिशन लाइन का वोल्टेज 30kv से ऊपर होता है तब कोरोना लोस होना सुरुवात होती और अगर वोल्टेज 50 kv से ऊपर होता है तब ही कंडक्टर के आजूबाजु वायलेट कलर दिखना सुरुवात होती है. लो वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन में यह इफ़ेक्ट नहीं होता क्यूँ की इलेक्ट्रिक फील्ड की इंटेंसिटी बहोत कम होती है.
- Atmospheric
Condition (वायुमंडलीय स्थिति)
बारिश के दिनों में और जिस एरिया में बर्फ गिरती है उस एरिया में कोरोना लोस क्रिटिकल डिसरपटिव वोल्टेज से कम वोल्टेज पर ही कोरोना लोस देखने को मिलता है क्यूँ की बारिश या फिर बर्फ के कारण एयर में पानी का होने से आयोनायझेशंन कम वोल्टेज पर ही होना सुरुवात होती है.
- Spacing Between
Conductors (कंडक्टरों के बीच का अंतर)
जब दोनों कंडक्टर्स के बिच का अंतर कंडक्टर के व्यास (Diameter) से बहोत जादा होता है तब कोरोना लोस होना सुरुवात होती है लेकिन जब दोनों कंडक्टर के बिच का अंतर बढाया जाता है तब कोरोना लोस कम होता है.
- Condition of Conductor Surface (कंडक्टर सतह की स्थिति)
अगर कंडक्टर गोल आकर होगा तो इलेक्ट्रिक फील्ड यूनिफार्म होती है, और अगर कंडक्टर किसी दुसरे आकर होगा तो कोरोना लोस जादा होगा. इसीलिए ACSR कंडक्टर का इस्तमाल किया जाता है क्यूंकि यह गोल आकार का होता है और यह मजबुत भी होता है.
- Effect of Frequency (आवृत्ति का प्रभाव)
फ्रीक्वेंसी कोरोना लोस के सीधे आनुपातिक (Directly Proportional) होती है, मतलब फ्रीक्वेंसी जादा होगी तो कोरोना लोस भी जादा होगा. DC की फ्रीक्वेंसी झिरो होने के कारण DC का कोरोना लोस कम होता है AC के कोरोना लोस से.
How to Reduce Corona Loss (कोरोना लोस कैसे कम करे?)
कोरोना लोस को हम पूरी तरह से ख़तम नहीं कर सकते लेकिन कोरोना लोस को कम जरुर कर सकते है, कोरोना को कम करने के कुछ तरीके है.
- Increase diameter of Diameter (कंडक्टर का व्यास बढ़ाये)
दो कंडक्टर के बिच का अंतर बढ़ाने से कोरोना लोस कम हो जाता है लेकिन, उसके कारण पॉवर सिस्टम की कॉस्ट भी बढ़ती है, इसीलिए कंडक्टर का व्यास बढाकर कोरोना लोस को कम किया जाता है.
- Reduce Line voltage (लाइन वोल्टेज को कम कीजिये)
यह लोस जादा वोल्टेज होने पर ही होता है, अगर लाइन वोल्टेज को कम किया जाता है तो पोटेंशियल ग्रेडिएंट भी कम होता है और इसके कारण कोरोना लोस भी कम हो जाता है.
- Using Corona Ring (कोरोना रिंग का इस्तमाल कीजिये)
कोरोना रिंग का सतह स्मूथ होने के कारण इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज रिंग पर जादा होता है और कंडक्टर पर इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज कम होता है इसिलिय्र कोरोना लोस कम हो जाता है.
Disadvantages of Corona loss (कोरोना लोस के नुकसान)
- कोरोना लोस के कारण ट्रांसमिशन लाइन्स में पॉवर लोस होता है इसके कारण ट्रांसमिशन लाइन की एफिशिएंसी भी कम हो जाती है.
- कोरोना लोस के कारण कंडक्टर वायब्रेट होने लगते है.
- ट्रांसमिशन लाइन्स के नजदीक कम्युनिकेशन लाइन्स भी इसीलिए कोरोना के कारण वौइस् और विडियो सिग्नल पर भी इफ़ेक्ट पड़ता है कोरोना लोस का.
- कोरोना लोस के कारण ओजोन गैस तयार होती है, उस गैस के कारण कंडक्टर पर जंग लगता सुरुवात होती है.
Advantage of Corona Loss (कोरोना लोस का फायदा)
लाइटनिंग के कारण ट्रांसमिशन लाइन का वोल्टेज बढ़ जाता है, उसके कारण करंट जादा फ्लो होने लगता है. लेकिन कोरोना लोस के कारण करंट कंडक्टर के आजूबाजु से भी बहता है और उस हाई वोल्टेज को वायलेट लाइट और हीट के रूप में एयर में डीसीपेट हो जाता है.
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👉स्किन इफ़ेक्ट और प्रोक्सीमिटी इफ़ेक्ट
इस पोस्ट में हमने कोरोना इफ़ेक्ट के बारे में आसान शब्दों में पढ़ा. इसमे हमने कोरोना लोस क्या है, कोरोना लोस होने के क्या कारण है, कोरोना को कैसे कम कर सकते है, कोरोना के फायदे और नुकसान के बारे में पढ़ा. अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो कमेन्ट में जरुर लिखे, सब्सक्राइब कीजिये और कोई सुजाव होगा तो भी कमेंट लिखिए ||धन्यवाद🙏||
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