What is Linear Induction Motor LIM
( लिनिअर इंडक्शन मोटर क्या है?)
लिनिअर इंडक्शन मोटर एक AC मोटर है मतलब अलटरनेटिंग करंट (alternating current) पर चलने वाली मोटर है.यह मोटर इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट करती है लेकीन लीनियर इंडक्शन मोटर का आउटपुट लीनियर मोशन (Linear Motion) में होता है मतलब इस मोटर का रोटर (Rotor) किसी कन्वेयर बेल्ट (conveyer belt ) तरह घूमता है. LIM का स्पीड हम मीटर पर सेकंद (m/s) में नापते है रेवोलुशन पर सेकंद (RPM) में नहीं.इस मोटर का कंस्ट्रक्शन ज्यादा तर ओपन प्रकार का होता है.
Working Principle of Linear Induction Motor
(लीनियर इंडक्शन मोटर का काम करने का सिद्धांत)
जब हम मोटर के स्टेटर को सप्लाई से जोड़ते है तब वाइंडिंग में से करंट बहना चालू होता है और उसके कारण स्टेटर के आजू बाजु ट्रावेलिंग फ्लक्स (travelling flux) जेनरेट होते है.और स्टेटर की जीतनी लम्बाई होती है है उतने तक ही वह फ्लक्स ट्रेवल (travel) होते है.बाद में वह फ्लक्स रोटर से कट होते है और रोटर में भी करंट induced होता है मललब करंट बहने लगता है.ट्रावेलिंग फ्लक्स और रोटर मेसे बहने वाले करंट के कारण लीनियर फोर्स तयार होता है और रोटर लीनियर मोशन में चलना स्टार्ट होता है.
Need of LIM
( लीनियर इंडक्शन मोटर की जरुरत क्यूँ है)
अगर हमें लीनियर मोशन की जरुरत होती है तो हम नॉर्मल इंडक्शन मोटर को इस्तमाल करते है और बादमे उस मोटर के शाफ़्ट (shaft) को मैकेनिकल गियर कनेक्ट करके फिर रोटेटिंग मोशन को लीनियर मोशन में कन्वर्ट करते है.लेकिन इस पुरे प्रोसेस में मैकेनिकल लोस्सेस ज्यादा होते है और एक्स्ट्रा गियर के कारण सिस्टम की कॉस्ट भी बढ़ जाती है. तो लोस्सेस और कॉस्ट को कम करने के लिए लीनियर मोटर्स इस्तमाल किये जाते है.
Construction of LIM
इस मोटर के तिन महत्वपूर्ण पार्ट्स है स्टेटर ,रोटर और वाइंडिंग.आगे हम इन पार्ट्स के बारे में डिटेल में देखते है.
Stator (स्टेटर)
यह लीनियर इंडक्शन मोटर का स्टेशनरी पार्ट है मतलब यह पार्ट घूमता या फिर यह पार्ट किसी भी तरह की मूवमेंट पैदा नहीं करता है.और अगर हम नॉर्मल मोटर के स्टेटर से हम इस मोटर के स्टेटर से तुलना करे तो यह उस मोटर के स्टेटर से बहोत ही अलग है नॉर्मल मोटर के स्टेटर को सर्कुलर शेप (circular shape) में बनाया जाता है मतलब गोल आकर में बनाया जाता है लेकिन लीनियर इंडक्शन मोटर के स्टेटर को गोल आकर में बनाया नहीं जाता है आप स्टेटर फोट देख सकते है.
स्टेटर को बनाने के लिए कोल्ड रोल्ड ग्रेन ओरिएंटेड स्टील (CRGO) या फिर कोल्ड रोल्ड नॉन ओरिएंटेड स्टील (NCRGO) का इस्तमाल किया जाता है.CRGO मटेरियल से बनी हुई E आकर की शीट (sheet) इस्तमाल किये जाते है उन शीट को लेमिनेशन (lamination) बोलते है.मोटर के स्टेटर की जीतनी लम्बाई होती है उअताने शीट्स लिए जाते है और बादमे उन्हें स्क्रू (screw) के मदत से फिट किया जाता है.
लेमिनेशन के मदत से स्टेटर को इसलिए बनाया जाता है क्यूंकि की स्टेटर में होने वाले लोस्सेस को कम कर सके.जो मोटर के स्टेटर में लोस् होता है उसे हम आयरन लोस बोलते है.आयरन लोस (iron loss) के भी दो प्रकार है एड्डी करंट लोस (eddy current loss) और हिस्टैरिसीस लोस (hysteresis loss).जो लोस्सेस नॉर्मल इंडक्शन मोटर के स्टेटर में होते है वही लोस्सेस लीनियर इंडक्शन मोटर के स्टेटर में होते है.और मटेरियल भी दोनों मोटर में सेम इस्तमाल किया जाता है बस दोनों मोटर के स्टेटर के बनावट में अंतर होता है.
Rotor Plate or Reaction Plate or Secondary (रोटर)
रोटर प्लेट लीनियर मोशन में घूमती है,इस प्लेट को बनाने के लिए कॉपर,एल्युमीनियम या फिर स्टैण्डर्ड स्टील का इस्तमाल किया जाता है.इस मोटर के रोटर प्लेट को डायरेक्टली लोड के तरह इस्तमाल किया जाता है यही एक खास बात है इस मोटर की.
Winding (वाइंडिंग)
वाइंडिंग को बनाने के लिए एल्युमीनियम या फिर कॉपर कंडक्टर्स का इस्तमाल कर सकते है, लेकिन कॉपर मटेरियल के जादा फायदे होने के कारण कॉपर को इस्तमाल किया जाता है.अब एक बात ध्यान में रखिये दो या फिर दो से जादा कॉइल्स को एकसात जोड़ते है तो उसे वाइंडिंग बोला जाता है. इस मोटर के स्टेटर पर दो प्रकार की वाइंडिंग की जाती है सिंगल लेयर वाइंडिंग और डबल लेयर वाइंडिंग . रोटर पर की भी तरह की वाइंडिंग नहीं होती.
Single Layer Winding (सिंगल लेयर वाइंडिंग)
सिंगल लेयर वाइंडिंग मतलब दो स्लॉट (slot) में एक ही कोइल डाली जाती है. अभी एक छे स्लॉट वाले स्टेटर का उदहारण लेते है, दो स्लॉट में एक कोइल मतलब हम सिर्फ इस स्टेटर में तिन कोइल डाल सकते है.
Double Layer Winding (डबल लेयर वाइंडिंग)
डबल लेयर वाइंडिंग मतलब एक स्लॉट में दो कोइलस की एक एक बाजु डाल सकते है.अगर छे स्लॉट का स्टेटर है तो उसे हम पांच कोइल्स पुट कर सकते है.
Types of (LIM) (लीनियर मोटर्स के प्रकार)
Single Sided Linear Induction Motor
(सिंगल साइडेड लीनियर इंडक्शन मोटर)
इस मोटर में सिर्फ एक प्राइमरी और एक सेकेंडरी का इस्तमाल किया जाता है. मतलब सिर्फ एक स्टेटर और एक रोटर प्लेट का इस्तमाल किया जाता है.इस मोटर की एफिशिएंसी बहोत कम होती और स्टार्टिंग टार्क भी कम होता है.
Double Sided Linear Induction Motor
(डबल साइडेड लीनियर इंडक्शन मोटर)

इस मोटर में दो प्राइमरी और एक सेकेंडरी होती है मतलब दो स्टेटर होते है और एक रोटर प्लेट होती है.स्टेटर दो होते है लेकिन वह एक ही सप्लाई से जुड़े हुए होते है.इस मोटर स्टार्ट करने के लिए थ्री फेज ऑटो ट्रांसफार्मर का इस्तमाल किया जाता.ऑटो ट्रांसफार्मर के कारण हम स्टार्टिंग करंट को कंट्रोल कर सकते है और स्टार्टिंग टार्क को भी कंट्रोल कर सकते है.
Applications of LIM
- स्लाइडिंग डोर्स (sliding doors)
- एयरक्राफ्ट टेक्नोलॉजी (air craft technology)
- मैटेलिक बेल्ट कोन्वेयेर्स (metallic belt conveyers)
- ट्रावेलिंग क्रेन्स (travelling cranes)
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पम्पस (electromagnetic pumps)
- लीनियर एक्सेलेर्टर (linear accelerators)
- फ्लाईव्हील वेल्डर (flywheel welder)
- कैप्सूल फिलिंग मशीन (capsule filling machine)
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